पल ये कहता है
कहने दो जी
कोई दिल में रहता है
रहने दो जी
पल ये कहता है
कहने दो जी
कोई दिल में रहता है
रहने दो जी
चुरा के नज़रें तुम
कहाँ हो जाने वाले
छोड़ दो बातों में हम
नहीं आंव वाले
पल ये कहता है
कहने दो जी
कोई दिल में रहता है
रहने दो जी
चुरा के नज़रें तुम
कहाँ हो जाने वाले
अरे छोड़ दो बातों में
हम नहीं आने वाले
इस कहानी जरा एक
प्यारा सा मोड़ दे दीजिये
इस मुसीबत से मुझे
तो बस ज़रा सा
माफ कीजिये
मूंद कर बुरी सी आँखें
आप इन बाहों में आइये
राग ये हो गया पुराना
अब नई कोई धुन सुनाइये
रुत ये कहती है कहने दो जी
क्यों दूर रहती है
रहने दो जी
चुरा के नज़रें तुम
कहाँ हो जाने वाले
छोड़ दो बातों में
हम नहीं आंव वाले
शोखिओं में घोला है मैंने
फूलों का और कलियों का शबाब
हो रहा तैयार नशा
जो माने मेरी, नशा है वो खराब
लिखा है तेरी आँखों में
मैंने नया एक आज अफ़साना
यार मेरी, तुम भी ग़ज़ब हो
आज पड़ेगा तुमको समझाना
पल ये कहता है (कहने दो जी)
कोई दिल में रहता है (हाँ-हाँ, रहने दो जी)
चुरा के नज़रें तुम कहाँ हो जाने वाले?
छोड़ दो, बातों में हम नहीं आने वाले
हो हो हो, छोड़ दो बातों में
हम नहीं आने वाले ला ला ला हम्म हम्म आ हा है हे हे