(मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा)
(सर पे हनुमत का है हाथ सदा)
जो बजरंगी से कह दूं मैं पूरी होती अरदास सदा
(...पूरी होती अरदास सदा)
मुझे छू ना सका, दुख दर-दर ही रुका है
मुझे छू ना सका, दुख दर-दर ही रुका है
मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है
हो, मुझे छू ना सका, दुख दर-दर ही रुका है
मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है
(मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा)
(सर पे हनुमत का है हाथ सदा)
जय हो, सुख के झूलों में झूलूं मैं, हनुमत की कृपा न भूलूं मैं
हां, सुख के झूलों में झूलूं मैं, हनुमत की कृपा न भूलूं मैं
बाल मिलता मन से लड़ने का, हनुमत के चरण जब छूलूं मैं
(...हनुमत के चरण जब छूलूं मैं)
होये, हम दोनो राम के भक्त, ये रिश्ता गहरा है
हम दोनों हैं राम के भक्त, ये रिश्ता गहरा है
मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है
मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है
(मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा)
(सर पे हनुमत का है हाथ सदा)
हां, मेरे घर से बाहर निकलें, सभी गर्म हवाएं दूर रहें
ओए, मेरे घर से वापस आएं, सभी गर्म हवाएं दूर रहें
जंतर-मंतर, जादू-टोना कभी पास न आये, दूर रहे
(...कभी पास ना आये, दूर रहे)
हनुमत की छवि में महाकाल का चेहरा है
बजरंग की छवि में महाकाल का चेहरा है
और, मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है
मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है
(मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा)
(सर पे हनुमत का है हाथ सदा)
जय हो, बालाजी चले मेरे साथ सदा, मेरे हाथ में इनका हाथ सदा
हां, बालाजी चले मेरे साथ सदा, मेरे हाथ में इनका हाथ सदा
मेहंदीपुर वाले बालाजी मेरे मन की सुनते बात सदा
(...मेरे मन की सुनते बात सदा)
सब कहते हैं, "लक्खा, तेरा भाग सुनेहरा है"
सब कहते हैं, "लक्खा, तेरा भाग सुनेहरा है"
और, मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है
ओ, मेरे घर के द्वार पर हनुमान का पहरा है
(मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा)
(सर पे हनुमत का है हाथ सदा)