छोड़ चले आज हमारे राम अयोध्या छोड़ चले
छोड़ चले आज हमारे राम अयोध्या छोड़ चले
वनवासी बन राज दुलारे सबसे नाता तोड़ चले
मुख मोड़ चले आज हमारे राम अयोध्या छोड़ चले
चला राम का सेवक बनकर लक्ष्मण जैसा भाई
चली जानकी बनकर अपने प्रीतम की परछाई
नर नारी पशु पंछी सबका मन्यक नाता तोड़ चले
मुख मोड़ चले आज हमारे राम अयोध्या छोड़ चले
जैसे बछड़े छिन जाने पर देखा करती गैया
जैसे बछड़े छिन जाने पर देखा करती गैया
वैसे ही रो रोकर देखे राम लक्ष्मण को मैया
माया ममता महल मोह इन सबसे नाता तोड़ चले
मुख मोड़ चले आज हमारे राम अयोध्या छोड़ चले
लक्ष्मण बिना महल है सुना सीता बिना रसोई
राम बिना है सुनी अयोध्या सारी प्रजा रोई
छोड़ के कलियों की गलियाँ कांटों से नाता जोड़ चले
मुख मोड़ चले आज हमारे
राम अयोध्या छोड़ चले आज हमारे
राम अयोध्या छोड़ चले