जब से मेरे दिल में आं बसे हो तुम सजना
जब से मेरे दिल में आं बसे हो तुम सजना
हर रात चाँदनी है हर दिन बहार सजना आ
जब से मेरे दिल में आं बसे हो तुम सजना
ठंडी हवाएँ शोर मचाए
कानों में गूंजे तेरी सजाएँ
ठंडी हवाएँ शोर मचाए
कानों में गूंजे तेरी सजाएँ
बोले मेरा कंगना आएंगे वो मेरे अंगना
निकलूगी मैं भी करके सोलह श्रृंगार सजना
जब से मेरे दिल में आं बसे हो तुम सजना
दूर नहीं है बिन अब वो मेरे
मेहँदी रचेगी हाथों पे मेरे
दूर नहीं है बिन अब वो मेरे
मेहँदी रचेगी हाथों पे मेरे
अब ये ज़मीन है अपनी
ये आसमान भी है अपना
तेरा प्यार लेके आया खुशियाँ हजार सजना
जब से मेरे दिल में आं बसे हो तुम
आं बसे हो तुम आं बसे हो तुम सजना