क्यो आजकल अक्सर कही
उड़ जाता है ये मन मेरा
क्यो आजकल अक्सर कही
उड़ जाता है ये मन मेरा
मुझे छोड़ कर वो किसके
घर उड़ जाता है ये मन मेरा
दिन कैसे गुज़रे जब ये पता हो
दिन कैसे गुज़रे जब ये पता हो
आने ही वाली है सपनो की मंज़िल
मंज़िल पे कोई अपना मिलेगा
मंज़िल पे कोई अपना मिलेगा
तन्हा फिर तो यू रहेगा नही दिल
पहले से ही पाने को वो
मंज़िल चला ये मन मेरा
क्यो आजकल अक्सर कही
उड़ जाता है ये मन मेरा
मुझे छोड़ कर वो किसके
घर उड़ जाता है ये मन मेरा
छुटेगा आँगन अपने सभी
ये छूटेगा आँगन अपने सभी ये
कहता है हम हो जाएँगे पराए
इतनी ख़ुशी सी क्यू सब को है फिर
इतनी ख़ुशी सी क्यू सब को है
मन मे सदा ये हमे समझाए
उलझन मेरी देखे मगर
कुछ ना करे ये मन मेरा
क्यो आजकल अक्सर कही
उड़जाता है ये मन मेरा
मुझे छोड़ कर वो किसकेघर
उड़ जाता है ये मन मेरा
क्यो आजकल अक्सर कही
उड़ जाता है ये मन मेरा
मुझे छोड़ कर वो किसकेघर
उड़ जाता है ये मन मेरा
ला ला ला ला ला ला ला ला ला